जैसा की हम जानते है वर्तमान समय में 1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि 1 फरवरी को ही बजट पेश क्यों किया जाता है। आज के इस लेख में हम आपको विस्तार से इसका कारण बताने वाले है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने वर्षो पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए 1 फरवरी को अपना पहला अंतरिम बजट पेश किया था।
इसके बाद से ही अब हर साल 1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है। जानकारी के लिए बता दे की यह बजट पहले 28 फरवरी को पेश किया जाता था। लेकिन मोदी सरकार ने 1 फरवरी से बजट पेश करने की परंपरा को शुरू कर दिया है जो की अब तक भी चलता आ रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी का अपने दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- पहले, ब्रिटिश शासन के दौरान, बजट पेश करने का समय 28 फरवरी या फिर फरवरी के अंतिम दिन शाम 5 बजे तय किया गया था।
- इस परंपरा को बचाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बदलकर 1 फरवरी को पेश करने का निर्णय लिया है।
- कारण:
- कार्यवाही शुरू करने का समय: 1 फरवरी को बजट पेश करने से, सरकार को नए वित्त वर्ष में कार्रवाई शुरू करने का मौका मिलता है।
- नई नीतियों को समर्थन: इससे सार्वजनिक समर्थन प्राप्त करने और नई नीतियों को समर्थन करने के लिए पर्याप्त समय मिलता है।
- समझदारी और विवेचना:
- सभी स्तरों पर चर्चा: बजट पेश करने का समय विवेचना और चर्चा के लिए उपयुक्त होता है। समझदारी और जनहित में विशेष बातचीत के लिए अधिक समय होता है।
- नीतियों की समीक्षा: पिछले वित्त वर्ष की नीतियों की समीक्षा और उनकी सफलता का मूल्यांकन किया जा सकता है।
- प्रभावी प्रचार-प्रसार:
- मीडिया और जनता से संवाद: 1 फरवरी को बजट पेश करने से स्वातंत्र मीडिया और जनता को यह सुनिश्चित होता है कि सरकार ने नए वित्त वर्ष की योजनाओं का समर्थन करने का इरादा किया है।
संक्षेप:
इस रीति-रिवाज से, 1 फरवरी को बजट पेश करना सिर्फ एक समय सीमा नहीं है, बल्कि एक प्रचंड सामाजिक और राजनीतिक घटना भी है। इसके माध्यम से सरकार नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही नई नीतियों और योजनाओं की घोषणा करती है और देश को वित्तीय मामलों में मार्गदर्शन प्रदान करती है।